बच्चों की प्यारी गोरैया चिड़िया। यह सबके घर में प्यार से रहती है। जो दाना-पानी देता है, उसके घर तो मस्ती से रहती है। कूलर के पीछे चुनमुन का घोंसला है। उसके तीन बच्चे है , यह अभी उड़ना नहीं जानते। चुनमुन के बच्चों ने उड़ना सिखाने के लिए तंग कर दिया। चुनमुन कहती अभी थोड़ी और बड़ी हो जाओ तब सिखाएंगे। बच्चे दिनभर ची ची ची ची करके चुनमुन को परेशान करते। एक दिन चुनमुन ने बच्चों को उड़ना सिखाने के लिए कहा। अपने दोनों हाथों में उठाकर आसमान में ले गई। उन्हें छोड़ दिया, वह धीरे-धीरे उड़ रही थी। जब बच्चे गिरने लगते चुनमुन उन्हें अपने पीठ पर बैठा लेती। फिर उड़ने के लिए कहती। ऐसा करते करते चुनमुन के बच्चे आसमान में उड़ने लगे थे। चुनमुन ने सभी को घर चलने के लिए कहा। सब मां के पीछे-पीछे घर लौट आए।
मोरल – अभ्यास किसी भी कार्य की सफलता की पहली सीढ़ी होती है।