हमारा एडमिन एक सुंदर लड़की को हर रोज़ एक गुलाब दिया करता था
लाल गुलाब ? वो हँस के लेती थी एडमिन से…?
? देता रहा बहुत दिनों तक…
फिर उसने कहा “गुलाब के साथ मीठी मिसरी भी लाया करो”…..?
एडमिन उसे वो भी देता रहा रोज़…
रोज़ एक लाल गुलाब और एक मिसरी की डली…??
यूँ ही चलता रहा सिलसिला कुछ हफ़्तों तक…
…फ़िर एक दिन एडमिन ने उसे गुलाब दिया पर
लड़की ने वापस कर दिया तुरंत…?
…और मुस्करा के बोली,
“बस भैया अब और जरुरत नहीँ” “गुलकन्द बन गया है.”?
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