समाज सेवा – Hindi Short Story
ठाकुरदास अपनी पत्नी और इकलौते बच्चे को छोड़ कर इस संसार से चल बसा। पत्नी के कंधे पर, सारे परिवार का दायित्त्व आ गया। इसी प्रकार दिन कटते रहे ,और वर्ष बीतते गए। एक दिन बेटा रात के समय बैठा , माँ के पैर दबा रहा था , और बातें भी कर रहा था -“माँ … Read more